सोमवार, 23 सितंबर 2013

प्रो. दिलीप सिंह विचार कोश - 3

कथा पाठ विश्लेषण : चार स्तर 

कथा पाठ के चार स्तर बनते हैं - कहानी का प्रारंभ, कहानी के भीतर निहित विवरण, कहानी के बिंदु का प्रस्तुतीकरण और कहानी द्वारा किसी अन्य घटना या क्रिया को उठा लेना. (हिंदी कहानी की भाषा; पाठ विश्लेषण. पृ. 112)

कथा भाषा : 

कथा भाषा में सामाजिक परिस्थिति, सामाजिक संबंध और भाषा प्रयोग के विविध संदर्भ घुल मिले हैं. (साहित्य शिक्षण; भाषा, साहित्य और संस्कृति शिक्षण; पृ.139) 

कहानी के संदर्भ में भाषा की  बात अभी तक अधूरे और अपर्याप्त ढंग से ही जा रही है, जबकि कहानी सामाजिक जीवन को समष्टिगत ढंग से व्यक्त करने वाली सबसे सशक्त गद्य विधा है और हिंदी भाषा भी अपनी वैविध्यपूर्ण संभावनाओं को सामाजिक संदर्भों के साथ व्यक्त करने वाली व्यापक प्रयोग क्षेत्र की भाषा. (हिंदी कहानी की भाषा; पाठ विश्लेषण; पृ.103) 

कथा भाषा के विविध स्तर : 

कथा भाषा के स्तर - लेखक सापेक्ष (Emotive), पाठ सापेक्ष (Conative), लेखक-पाठक के संबंध पर आधारित (Phatic), कोड पर आधारित (Meta-Linguistic), संदेश पर आधारित (Poetic) और संदर्भ पर आधारित (Refrential). (हिंदी कहानी की भाषा; पाठ विश्लेषण; पृ.112)
भाषा की भीतरी परतें 
भाषाचिंतक प्रो. दिलीप सिंह अभिनंदन ग्रंथ
प्रधान संपादक - ऋषभदेव शर्मा
वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली,
2012 प्रथम संस्करण, ९९५/-

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